۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024
امام

हौज़ा / हज़रत इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम तीन किरदार अदा कर रहे थे दो किरदार उनके और बाक़ी इमामों के बीच कॉमन हैं। इस्लाम और इस्लामी समाज के सिलसिले में अपनी इमामत के 250 साल के दौर में सारे इमाम जो अहम फ़रीज़ा अदा कर रहे थे, उनमें से एक इस्लामी ज्ञान, इस्लामी ज्यूरिसप्रूडेंस का प्रचार और इस्लाम पर थोपी जाने वाली ख़ुराफ़ातों से उसकी रक्षा थी।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम तीन किरदार अदा कर रहे थे दो किरदार उनके और बाक़ी इमामों के बीच कॉमन हैं।

इस्लाम और इस्लामी समाज के सिलसिले में अपनी इमामत के 250 साल के दौर में सारे इमाम जो अहम फ़रीज़ा अदा कर रहे थे, उनमें से एक इस्लामी ज्ञान, इस्लामी ज्यूरिसप्रूडेंस का प्रचार और इस्लाम पर थोपी जाने वाली ख़ुराफ़ातों से उसकी रक्षा थी और दूसरा इस्लामी समाज के गठन के लिए रास्ता समतल करना था, एक ऐसा समाज जिसे अलवी हुकूमत के तहत चलाया जाए।

हज़रत इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम पर अपनी इमामत के दौरान दूसरा फ़रीज़ा करबला की घटना की याद को ज़िन्दा रखने का भी था और यह भी एक पाठ है। करबला का वाक़या, ऐसा वाक़या था जो इसलिए घटा ताकि इतिहास, आने वाली नस्लें और आख़िरी ज़माने तक के मुसलमान इससे सबक़ हासिल करें।

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